
देहरादून। उत्तराखण्ड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण नैनीताल एवं सचिव महोदया जिला विधिक सेवा प्राधिकरण देहरादून के निर्देशन में प्राविधिक कार्यकर्ता लीला वर्मा शेरपुर द्वारा राजकीय प्राथमिक विद्यालय कल्याणपुर में जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।
विषय – 6 से 14 वर्ष की आयु के प्रत्येक बच्चे को निःशुल्क एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के संबंध में जागरूकता कार्यक्रम के संबंध में उपस्थित सभी छात्र एवं छात्राओं को बताया कि 6 से 14 वर्ष की आयु के प्रत्येक बच्चे को निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार है। प्रत्येक बच्चे को अपने निकटतम स्कूल में प्रवेश का अधिकार। पहली से आठवीं कक्षा तक मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा। निःशुल्क शिक्षा का अर्थ है कि बच्चों को स्कूल में प्रवेश शुल्क, परीक्षा शुल्क, या अन्य शुल्क नहीं देना होगा। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का अर्थ है कि बच्चों को अच्छी शिक्षा और बुनियादी सुविधाएं मिलें। अधिनियम का महत्व यह सुनिश्चित करता है कि हर बच्चे को शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार है। यह बच्चों के जीवन में सुधार करता है और उन्हें बेहतर भविष्य के लिए तैयार करता है। यह समाज को मजबूत और विकसित करता है। शिक्षा हर बच्चे का अधिकार है क्योंकि यह उनके विकास और भविष्य के लिए ज़रूरी है। शिक्षा से बच्चों को ज्ञान, कौशल, और मूल्य मिलते हैं। यह उन्हें एक अच्छे करियर की ओर ले जाती है। शिक्षा से समाज में सामाजिक न्याय बढ़ता है और देश का विकास होता है। यह मानव, सामाजिक, और आर्थिक विकास के लिए ज़रूरी है। यह शांति और सतत विकास को बढ़ावा देता है। यह सभी की क्षमता को विकसित करने में मदद करता है.यह मानवीय गरिमा को सुनिश्चित करता है। यह व्यक्तिगत और सामूहिक कल्याण को बढ़ावा देता है। यह समाज में असमानताओं को कम करने में मदद करता है। यह एक न्यायपूर्ण समाज की स्थापना में मदद करता है। सभी उपस्थित छात्रों को साइबर क्राइम 1930 वा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा दी जाने वाली निशुल्क कानूनी सहायता की जानकारी दी गई। सभी उपस्थित बच्चों की संख्या – 40+ रही । शिविर के अंत में नालसा द्वारा जारी गीत एक मुट्ठी आसमान भी फोन के माध्यम से सुनाया गया।