
बारिश के कारण ग्रामीण इलाकों में लोगों की मुश्किल बढ़ती जा रही है. बीते कुछ दिनों से बारिश के कारण गांव-गांव में भू-धंसाव होने के कारण ग्रामीणों के मकानों में दरारे आने लगी हैं. इससे ग्रामीण दहशत में आ रहे हैं.
दरअसल, उत्तरकाशी जिला मुख्यालय के समीप सिल्याण गांव में भू-धंसाव के कारण दस से अधिक भवनों और आंगनों में दरारें आ गई हैं. वहीं तीन भवनों और आंगनबाड़ी केंद्र के कभी भी गिरने का भय बना हुआ है. वहीं पापड़गाड़ के उफान पर आने के कारण क्यार्क गांव के अस्तित्व पर एक बार फिर खतरा मंडराने लगा है. नदी के कारण वहां खेती भूमि पर कटाव हुआ तो अब करीब पांच से छह भवनों के आंगन में दरारें आ गई हैं. इससे ग्रामीणों में भय का माहौल बना हुआ है.
सिल्याण गांव के कुंदन गुसाईं, सत्यदेव पंवार, नत्थी गुसाईं और कपिल पंवार ने बताया कि डेढ़ साल पहले लोक निर्माण विभाग ने सिल्याण निराकोट मोटर मार्ग के निर्माण के लिए कटिंग का कार्य शुरू किया था. उस समय विभाग ने बिना तकनीकी जांच से अंधाधुंध कटान के बाद से बीते वर्ष से गांव के नीचे से भू-धंसाव शुरू हो गया था. उसके बाद प्रशासन से शिकायत करने पर कुछ जालियां लगाई गई, लेकिन उनका कुछ लाभ नहीं हुआ.
ग्रामीणों का आरोप है कि पहाड़ों की कटिंग के दौरान एक जल स्रोत के नीचे से पहाड़ी पर कटाव कर दिया था. इस कारण इस वर्ष भू-धंसाव की समस्या गंभीर हो गई है. गांव के करीब दस से अधिक भवनों और आंगन में दरारें आ गई हैं. वहीं तीन भवन और आंगनबाड़ी को यह खतरा बना हुआ है कि वह तेज बरसात और भू-धंसाव के कारण कभी भी गिर सकते हैं.
ग्रामीणों का कहना है कि गत वर्ष प्रशासन ने भूगर्भीय सर्वे और गांव को सुरक्षित रखने का आश्वासन दिया था. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई और आज गांव के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है. वहीं प्रशासन की टीम यह कह रही है कि अपने घर को छोड़कर वहां से करीब चार किमी दूर जनपद मुख्यालय में इंटर कॉलेज के भवन में शरण ले लो.
वहीं ग्रामीणों का कहना है कि गांव के ऊपर भी भूस्खलन सक्रिय हो गया है. अगर भूस्खलन और भू-धंसाव एक साथ होता है, तो इससे गांव के साथ ही नीचे बसे नगर क्षेत्र के तिलोथ वार्ड को भी खतरा हो जाएगा. वहीं इस संबंध में राजस्व उपनिरीक्षक अरविंद पंवार ने कहा कि राजस्व और लोनिवि की टीम ने रविवार सुबह गांव का स्थलीय निरीक्षण किया है. वहां पर कई घरों में दरारें आ गई हैं. तीन से चार भवनों को अधिक खतरा हो गया है. उन्हें सुरक्षा के लिहाज से जनपद मुख्यालय के विद्यालय में शिफ्ट करने को कहा गया है. वहीं प्रशासन को रिपोर्ट सौंपकर भूगर्भीय जांच की मांग की जा रही है.