
मंगलवार को मसूरी स्थित शहीद स्मारक पर आयोजित कार्यक्रम में सीएम ने कहा है कि प्रदेश सरकार राज्य आंदोलनकारियों के सपनों का उत्तराखंड बनाने के लिए दृढ़ संकल्प के साथ काम कर रही है। सीएम ने उत्तराखंड राज्य आंदोलन के दौरान मसूरी में शहीद हुए आंदोलनकारी बलबीर सिंह नेगी, बेलमती चौहान, हंसा धनाई, धनपत सिंह, राय सिंह बंगारी और मदन मोहन ममगई को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि राज्य आंदोलनकारियों ने हमारे बेहतर भविष्य के लिए अपना वर्तमान दांव पर लगाकर उत्तराखंड के निर्माण में अपना अद्वितीय योगदान दिया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि 2 सितंबर 1994 का दिन राज्य के इतिहास में एक काले अध्याय के रूप में अंकित रहेगा। इस दिन मसूरी (Mussoorie) की वीरभूमि पर शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर रहे आंदोलनकारियों को पुलिस की गोलियों का सामना करना पड़ा। यह घटना उस समय के सत्ताधारी दलों के दमनकारी रवैये का प्रतीक थी, जिन्होंने एक शांतिपूर्ण आंदोलन को निर्दयता के साथ कुचलने का प्रयास किया।
सीएम ने कहा कि सरकार द्वारा राज्य आंदोलनकारियों के प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट करते हुए उनके और उनके आश्रितों के लिए सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण लागू किया गया है। साथ ही आंदोलनकारियों के परिवारों के लिए 3 हजार रुपए मासिक पेंशन की सुविधा भी शुरू की है। सीएम ने कहा घायल और जेल गए आंदोलनकारियों को 6 हजार रुपए और सक्रिय आंदोलनकारियों को 4500 रुपये प्रतिमाह पेंशन दी जा रही है।
सीएम ने कहा आंदोलनकारियों का सपना था कि एक ऐसा उत्तराखंड बने जहां हमारी संस्कृति, भाषा और परंपराओं का संरक्षण हो। इसी उद्देश्य से सरकार ने UCC लागू कर राज्य में सभी नागरिकों के लिए समान अधिकार और कर्तव्य सुनिश्चित कर दिए हैं। वहीं, प्रदेश के युवाओं को पारदर्शिता के साथ रोजगार के समान अवसर उपलब्ध कराने के लिए देश का सबसे प्रभावी नकल विरोधी कानून लागू किया गया और 100 से अधिक नकल माफियाओं को जेल भेजा गया। इसके बाद उत्तराखंड में 25 हजार से अधिक युवाओं ने सरकारी नौकरियां पाने में सफलता प्राप्त की है।
सीएम ने कहा कि सरकार उत्तराखंड की डेमोग्राफी को बचाए रखने के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। इसके लिए जहां एक ओर प्रदेश में सख्त धर्मांतरण विरोधी कानून लागू किया गया, वहीं 9 हजार एकड़ से अधिक सरकारी भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया गया है। इसके साथ ही सरकार ने दंगाइयों को सबक सिखाने के लिए सख्त दंगारोधी कानून बनाकर दंगों में होने वाले नुकसान की भरपाई भी उनसे ही करने का कार्य किया है।
सीएम ने कहा हाल ही में सरकार ने नया कानून लागू कर राज्य में मदरसा बोर्ड को ख़त्म करने का फैसला लिया है। इस कानून के लागू होने के बाद 1 जुलाई 2026 के बाद उत्तराखंड में केवल वही मदरसे संचालित हो पाएंगे, जिनमें सरकारी बोर्ड द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम पढ़ाया जाएगा। राज्य में अवैध रूप से संचालित 250 से अधिक मदरसों को भी बंद करवाया गया है। सरकार राज्य में सनातन संस्कृति को बदनाम करने वाले पाखंडियों के विरुद्ध ‘ऑपरेशन कालनेमि’ के माध्यम से भी सख्त कार्रवाई कर रही है।
मुख्यमंत्री धामी ने गढ़वाल सभा भवन जल्द बनाने और सिफन कोर्ट का मामला जल्द हल करने की बात कही। इसके अलावा मसूरी में वेंडर जोन की घोषणा सहित अन्य मांगों पर भी शीघ्र कार्रवाई का आश्वासन दिया। सीएम ने कहा कि राज्य सरकार उत्तराखंड आंदोलन के प्रमुख चेहरा रहे स्वर्गीय इंद्रमणि बड़ोनी के जन्मशताब्दी समारोह को भी भव्य तरीके से मनाएगी।